वास्तु टिप्स दक्षिण-दक्षिण-पूर्व (SSE) : शक्ति और अात्मविश्वास का क्षेत्र - यदि किसी भवन में यह क्षेत्र कमजोंर है,तो इसमें रहने वाले लोग शक्ति, सहनशक्ति , जोश एंव पौरुष में कमी महसूस करेंगे। वे अालस्य में फंसे रहेंगे; उत्साह की कमी अौर अात्मविश्वास से रहित महसूस करेंगे । यह रसोइ घर के लिए अादर्श क्षेत्र है । दक्षिण-(S) : अाराम व यश का क्षेत्र - यह क्षेत्र दिनभर कि थकान के बाद अापको पुन: ऊर्जावान बनाने में सहायता प्रदान करता है । सबसे महत्वपूर्ण, यह शोहरत ,पहचान अौर सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाने वाला क्षेत्र है । गृहस्वामी के शयनकक्ष के लिए अादर्श क्षेत्र है । बेडरुम या ध्यान कक्ष इस दिशा में बनाकर पायें गहरी नींद अौर अांतरिक शांति ।
जय श्री राम
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